तुलसी (Ocimum sanctum), जिसे ‘होली बेसिल’ भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। यह एक पवित्र और औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसे भारतीय संस्कृति में देवी तुलसी के रूप में पूजा जाता है। तुलसी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
तुलसी कितने प्रकार की होती है ?

यहां पर कैंई तुलसी के नाम दिए हैं।
राम तुलसी – हल्के हरे रंग की पत्तियां, स्वाद में मीठी होती है।
श्याम तुलसी (कृष्ण तुलसी) – गहरे बैंगनी रंग की पत्तियां, अधिक औषधीय गुण होते हैं।
वन तुलसी – जंगलों में पाई जाती है और अधिक सुगंधित होती है।
निम्बू तुलसी – इसकी पत्तियों में नींबू जैसी खुशबू होती है।
कपूर तुलसी – इसमें कपूर की सुगंध होती है और यह औषधीय रूप से बहुत उपयोगी होती है।
तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है।हर घर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।तुलसी विवाह (कार्तिक माह) का विशेष महत्व है।इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।हमेशा बस स्टैंड लेने के बाद भी इस औषधि पौधे को अनेकों बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है. तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि एक संजीवनी है। इसके धार्मिक, सांस्कृतिक और औषधीय महत्व को देखते हुए इसे “जड़ी-बूटियों की रानी” कहा जाता है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और कई रोगों से बचाव होता है।
आईए जानते हैं तुलसी का कौन-कौन सी बीमारी में कैसे इस्तेमाल करें ?
सर्दी, खांसी और जुकाम में ऐसे कारे तुलसी का उपयोग
- 5-6 तुलसी की पत्तियां, 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें।
- तुलसी, अदरक, काली मिर्च और गुड़ डालकर चाय बनाएं और पिएं।
- भाप लेने के पानी में तुलसी की पत्तियां डालें।
बुखार (वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया) में ऐसे कर सकते इस्तेमाल
- 10 तुलसी की पत्तियों को 1 गिलास पानी में उबालें, उसमें 1 चुटकी काली मिर्च डालकर पिएं।
- तुलसी और गिलोय के पत्तों का काढ़ा दिन में 2 बार पिएं।
- नारियल पानी में तुलसी का रस मिलाकर पीने से जल्दी राहत मिलती है।

रोज सुबह खाली पेट 5-6 तुलसी की पत्तियां चबाएं।
1 चम्मच तुलसी का रस, 1 चम्मच शहद और आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
तुलसी के पत्तों की चाय नियमित रूप से पिएं।
पेट की समस्याएं (गैस, एसिडिटी, कब्ज) दूर करने में सहायक
तुलसी की 5 पत्तियां, सौंफ और इलायची डालकर गर्म पानी में उबालें और भोजन के बाद पिएं।
तुलसी और अदरक के रस को मिलाकर सेवन करें।
तुलसी के बीज को पानी में भिगोकर पीने से कब्ज में राहत मिलती है।
डायबिटीज में कैसे करें इस्तेमाल
रोज सुबह तुलसी की 4-5 पत्तियां खाली पेट चबाएं।
तुलसी के पत्तों का रस निकालकर 1 चम्मच खाली पेट लें।
तुलसी की चाय पिएं, इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
ब्लड प्रेशर और हृदय रोग में

रोज सुबह 5 तुलसी की पत्तियां चबाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
तुलसी और लौंग को पानी में उबालकर पिएं।
तुलसी का रस शहद के साथ मिलाकर लेने से हृदय मजबूत रहता है।
तनाव और डिप्रेशन को भी करती दूर
तुलसी के पत्तों की चाय पिएं, यह मानसिक तनाव को कम करती है।
5 तुलसी की पत्तियां और 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर पिएं।
तुलसी का एसेंशियल ऑयल सूंघने से दिमाग शांत होता है।
स्किन प्रॉब्लम (मुंहासे, एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन)

तुलसी पत्तियों का रस चेहरे पर लगाएं, 10 मिनट बाद धो लें।
तुलसी और नीम की पत्तियों को पीसकर फेस पैक लगाएं।
स्किन एलर्जी में तुलसी का काढ़ा पिएं।
लिवर और किडनी की सफाई
तुलसी का रस और आंवला जूस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
5 तुलसी पत्तियां और हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
तुलसी की चाय लिवर डिटॉक्स करने में मदद करती है।

बालों के झड़ने और डैंड्रफ में
तुलसी के पत्तों का रस नारियल तेल में मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं।
तुलसी और आंवला पाउडर को मिलाकर हेयर मास्क लगाएं।
तुलसी के पानी से बाल धोने से डैंड्रफ कम होता है।
तुलसी एक प्राकृतिक औषधि है जो कई बीमारियों में फायदेमंद है। इसे सही तरीके से और नियमित रूप से लेने से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रह सकता है।
ऐसी और जानकारी पाने के लिए हमसे जुड़े रहे धन्यवाद।
डिस्क्लेमर Disclaimer
यह सलाह सहित सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यदि कोई भी व्यक्ति उपयोग करता है तो अपने डॉक्टर की या फिर चिकित्सा से सलाह जरूर करे । यदि इस से किसी को भी हनी या नुकसान होता है तो 1st ayurveda health इस के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.